Sunday, 30 July 2017

फ़तवा :- एक पिता की बेटी के प्रति वासना पाप नही , अगर वो 9 साल की हो गयी है तो..."

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मुस्लिम राष्ट्र तुर्की में धार्मिक मामलों की देखरेख करने वाली संस्था को धार्मिक मामलों का निदेशालय या दियानेत कहा जाता है जो कि 85,000 मस्जिदों को नियंत्रित करता है. 

यही दियानेत तुर्की के मुसलमानों के लिए फतवे जारी करता है. बता दें कि दियानेत को मिलने वाला सलाना बजट यहां के 10 मंत्रालयों को मिलने वाले बजट के बराबर होता है और इसके अध्यक्ष, जोकि सरकार द्वारा नियुक्त मौलवी होते हैं, 4 लाख डॉलर की कार से चलते हैं.

मगर दियानेत हाल ही में जारी किए गए अपने दो और फतवों की वजह से सुर्खियों में है. इन दो फतवों ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी और दियानेत को तीखी आलोचना झेलनी पड़ी. मगर विवाद बढ़ता देख दियानेत ने खासकर इस्लाम में पिता-पुत्री के रिश्ते को लेकर जारी किए गए फतवे से किनारा कर लिया...

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दियानेत के पहले फतवे अनुसार सगाई करने वाली जोड़ियों को इस अवधि में जोड़ियों द्वारा एक दूसरे को जानने के लिए मिलना और बात करना ठीक नहीं है. इस दौरान उनके परिवार की जानकारी या अनजाने में अवांछित घटनाएं हो सकती हैं. जैसे कि फ्लर्ट करना, साथ रहना या अकेले रहना. 

इससे गपशप और हाथ पकड़ने जैसी बातों को बढ़ावा मिलता है, जिसकी इस्लाम में इजाजत नहीं है. इस फतवे की लोगों ने आलोचना की और इस बात पर हैरानी जताई की सगाई करने वाले जोड़ों द्वारा एकदूसरे का हाथ पकड़ना इस्लाम में गलत कैसे हो सकता है. वहीं दूसरे फतवे में पिता द्वारा अपनी बेटी के प्रति वासना की इच्छा रखने पर उसकी शादी पर इसका कोई प्रभाव न पड़ने की बात कही गई थी. 

इसे दियानेत की वेबसाइट के फतवा सेक्शन में कुछ देर के लिए पब्लिश किया गया था (जोकि बाद में डिलीट कर दिया गया.) इसे एक पूछे गए सवाल के जवाब के रूप में पब्लिश किया गया था. किसी का सवाल था – क्या धार्मिक नजरिए से एक पिता द्वारा अपनी बेटी से इतना घिनोना काम करना सही है!!
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