ठीक है सेकुलरिज्म चल रहा है
पर सच तो सच है और सच को कोई नहीं दबा सकता वो निकल ही आता है
भारत का ध्वज
आपकी जानकारी के लिए बता दें तिरंगा मूलतः कांग्रेस पार्टी का ध्वज था, बाद में भारत आज़ाद हुआ तो कांग्रेस ने अपने ध्वज के बीच में 24 तिल्लियाँ लगाकर उसे भारत का ध्वज घोषित कर दिया
पर आपको जानकारी होनी चाहिए की भारत कोई 50-100 साल पुराना देश नहीं है, कोई गांधी ने भारत का निर्माण नहीं किया कि वो राष्ट्रपति हो गया
भारत का इतिहास हज़ारों साल पुराना है
कांग्रेस तो सिर्फ 132 साल पुरानी है
1857 में भारतीयों ने अंग्रेजी सरकार से भारत को आज़ाद करवाने के लिए संघर्ष शुरू किया था
मुस्लिम शासक भी इसमें शामिल हुए थे पर वो अपने अपने राज्य को जहाँ उनका कब्ज़ा था उसे वापस लेने के लिए अंग्रेजो के खिलाफ लड़ रहे थे
कोई भारत के लिए नहीं
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भारत के लिए लड़ने वालों का ध्वज कोई और नहीं बल्कि भगवा ही थाजो लोग भारत की बात करते थे उनके ध्वज भगवा होता था
वो भारत माता का चित्र बनाया करते थे
जिसमे भारत माता शेर पर बैठी होती थी और उनके हाथ में भगवा ध्वज होता था
भगवा ध्वज राष्ट्रीयता और बलिदान का प्रतिक था
भगवा देखते ही लोगों में राष्ट्र के लिए बलिदान का भाव आता था, भारत का झंडा कोई और नहीं भगवा ही था
पर सत्ता लोलुप कांग्रेस ने जिन्ना के साथ मिलकर देश के टुकड़े किये और जो बचा हुआ भारत था
उसपर अपना ही पुराना झंडा थोप दिया बिलकुल उसी तरह जैसे मोहनदास गांधी को भारत के राष्ट्रपिता के रूप में थोपा जाता है
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