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मुस्लिम धर्म में दो शब्द भुत ही प्रचलित है, एक हलाल और एक हलाला हलाल के बारे में तो आप सब बहुत अच्छे से जानते होंगे जिसमे की अल्लाह के नाम पे किसी जानवर के गर्दन पर छुरी चला कर उसकी हत्या की जाती है, लेकिन शायद ऐसे कुछ लोग ही है जो की हलाला का मतलब जानते होंगे यही नही कुछ तो इसे भी है जो की पहली बार हलाला का नाम सुन रहे है,
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हलाला मुस्लिम धर्म की एक भुत ही गन्दी प्रथा है जिसमे की मौलवी एक मासूम और निर्दोष लड़की के साथ शारीरिक संबंद स्थापित करता है अब सवाल ये उठता है की ऐसा कब होता है, तो आप को बताना चाहेंगे की अगर मुस्लिम दम्पति में कभी किसी आत को लेके नोक झोक हो जाती है तो पति अपनी पत्नी को 3 बार तलाक बोल दे तो उनका तलाक हो जाता है और इस्लाम की नज़र में वो दोनों बिलकुल अलग हो जाते है लेकिन कभी कभी ऐसा होता है की बाद में अपनी गलती का एहसास होने के बाद अगर व्यक्ति फिर से उस और से शादी करना चाहे तो वो नही कर सकता है|इसमें अगर इस्लाम में एक बार आप का किसी व्यक्ति के साथ तलाक हो गया है तो आप उस इंसान से शादी नही कर सकते जिसके उपाए के तौर पर मुस्लिम मौलवियों ने हलाला की प्रथा निकली जिसमे कथित तौर पर मौलवी उस औरत से शादी करता है और उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाते है, उसके बाद वो इंसान उस औरत से दुबारा निकाह कर सकता है तालक होने के बाद आदमी उसकी औरत से शादी नही कर सकता लेकिन मौलवी से निकाह के बाद सम्बन्ध बनाने के बाद वो मौलवी की औरत हो जाती है और फिर वो इंसान उस औरत से दुबारा से शादी कर कर सकता है 
अब शायद आप को समझ में आगया होगा की हमने औरत को निर्दोष क्यों बोला क्यों की गलती रहती है आदमी की और शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है औरतो को और इस तरह औरतों को केवल भोग की वस्तु समझ के उनके साथ खेला जाता है इन सब में मौलवी और मुस्लिम समाज ये भूल जाता है की वो औरत भी इनसान है और उसकी भी अपनी कु�
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