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कश्मीर में फंडिंग पर बोले फारुख अब्दुल्ला- जांच होनी चाहिए..
भारत-पाक के बीच के आपसी रिश्ते से तो सारी दुनिया वाकिफ़ है. लेकिन भारत में कुछ ऐसे गद्दार भी मौजूद है जो पाकिस्तानियों की मदद करते है और भारत में आतंकवाद फैलाते है. ऐसे लोग भारत के कोने-कोने में फैले हुए है. चाहे वो कश्मीर हो या फिर केरल, अलगाववादी हर जगह भारत को तोड़ने की कोशिश में जुटे हुए है. इतना ही नहीं इन में से कुछ अलगाववादी तो भारत के नेता भी है जो पाकिस्तान को फण्ड मुहैया करवाते है कश्मीर में आतंकवाद फ़ैलाने के लिए.
मौजूदा खबर के अनुसार जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे कांग्रेस पर सवाल उठने लग गए है. फारूक अब्दुल्ला ने हुर्रियत नेताओं को मिलने वाली फंडिंग को लेकर बहुत बड़ा खुलासा किया है. फारुख अब्दुल्ला ने सोमवार को मीडिया को बयान देते हुए कहा कि ‘नाम नहीं लूंगा, लेकिन केंद्र सरकार से भी हुर्रियत को फंड मिलता रहा है, इस पर पूर्व रॉ चीफ की किताब पढ़िए.
सूत्रों से बात करते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तब कश्मीर के हुर्रियत और अलगाववादियों को फंडिंग देती थी और आतंक तब तक नहीं रुकेगा जब तक भारत-पाकिस्तान आपस में बातचीत नहीं करेंगे. फारुख ने आगे कहा कि जरूरी नहीं है पीएम पाक से बात करें, संसदीय प्रतिनिधिमंडल को भी पाक भेज सकते है. मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह जैसे लोगों को जाना चाहिए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टेरर फंडिंग केस के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सात अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है. इन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए विदेशों से फंड जुटाने और उन्हें यहां आतंकियों तक पहुंचाने का आरोप है. गिरफ्तार किए गए अलगाववादी नेताओं में अलताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्लाह, शाहिद उल इस्लाम, मेहराजुद्दीन कलवल, बिट्टा काराते, नईम खान शामिल हैं.
बताते चलें कि कांग्रेस अपनी हकीकत चाहे कितना भी छिपा ले लेकिन कहीं न कही से कोई न कोई सबूत बाहर आ ही जाता है. भारत में सबको पता है कांग्रेस ने आज तक इस देश को सिर्फ लूटा ही है. दूसरों के लिए बिछाए जाल में अब कांग्रेस धीरे-धीरे खुद ही फंसती चली जा रही है.
भारत-पाक के बीच के आपसी रिश्ते से तो सारी दुनिया वाकिफ़ है. लेकिन भारत में कुछ ऐसे गद्दार भी मौजूद है जो पाकिस्तानियों की मदद करते है और भारत में आतंकवाद फैलाते है. ऐसे लोग भारत के कोने-कोने में फैले हुए है. चाहे वो कश्मीर हो या फिर केरल, अलगाववादी हर जगह भारत को तोड़ने की कोशिश में जुटे हुए है. इतना ही नहीं इन में से कुछ अलगाववादी तो भारत के नेता भी है जो पाकिस्तान को फण्ड मुहैया करवाते है कश्मीर में आतंकवाद फ़ैलाने के लिए.
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मौजूदा खबर के अनुसार जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे कांग्रेस पर सवाल उठने लग गए है. फारूक अब्दुल्ला ने हुर्रियत नेताओं को मिलने वाली फंडिंग को लेकर बहुत बड़ा खुलासा किया है. फारुख अब्दुल्ला ने सोमवार को मीडिया को बयान देते हुए कहा कि ‘नाम नहीं लूंगा, लेकिन केंद्र सरकार से भी हुर्रियत को फंड मिलता रहा है, इस पर पूर्व रॉ चीफ की किताब पढ़िए.
सूत्रों से बात करते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तब कश्मीर के हुर्रियत और अलगाववादियों को फंडिंग देती थी और आतंक तब तक नहीं रुकेगा जब तक भारत-पाकिस्तान आपस में बातचीत नहीं करेंगे. फारुख ने आगे कहा कि जरूरी नहीं है पीएम पाक से बात करें, संसदीय प्रतिनिधिमंडल को भी पाक भेज सकते है. मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह जैसे लोगों को जाना चाहिए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टेरर फंडिंग केस के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सात अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया है. इन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए विदेशों से फंड जुटाने और उन्हें यहां आतंकियों तक पहुंचाने का आरोप है. गिरफ्तार किए गए अलगाववादी नेताओं में अलताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्लाह, शाहिद उल इस्लाम, मेहराजुद्दीन कलवल, बिट्टा काराते, नईम खान शामिल हैं.
बताते चलें कि कांग्रेस अपनी हकीकत चाहे कितना भी छिपा ले लेकिन कहीं न कही से कोई न कोई सबूत बाहर आ ही जाता है. भारत में सबको पता है कांग्रेस ने आज तक इस देश को सिर्फ लूटा ही है. दूसरों के लिए बिछाए जाल में अब कांग्रेस धीरे-धीरे खुद ही फंसती चली जा रही है.
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