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लालू को बार फिर लगा बड़ा झटका, अब कौन बचाएगा लालू यादव को ?
बिहार (Bihar) में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के राजनीतिक-भविष्य के अंत की अटकलें और भविष्यवाणियां (Predictions) कई बार की जा चुकी हैं. इस बार भी की जा रही हैं और क्यों न हों? लालू इस वक़्त अपने राजनीतिक जीवन के सबसे बुरे दिनों में हैं. जब राज्य में एक शानदार जनादेश से बनी उनके महागठबंधन (Major alliance) की सरकार रातों रात जा चुकी है और सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अब उनकी धुर-विरोधी भाजपा के साथ नई सरकार बना चुके हैं.
बता दें कि महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे उनके पुत्र तेजस्वी सत्ता से बेदखल होकर सड़क पर आ गए हैं. संकट का दूसरा और बेहद संगीन पहलू है कि इस बार सिर्फ़ लालू ही नहीं, उनके परिवार के प्रायः सभी प्रमुख सदस्य इस वक़्त किसी न किसी तरह के भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोपों में फंसे दिख रहे हैं. तेजस्वी सहित कई परिजनों पर बेनामी या आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोपों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है.
गौरतलब है कि सीबीआई (CBI) और अन्य एजेंसियों (Agencies) की पड़ताल चल रही है. ऐसे संकट और चुनौतियों में घिरे लालू प्रसाद यादव के पास पहले जैसी राजनीतिक तेजस्विता भी नहीं बची है, जिसने उन्हें नब्बे के दशक में सामाजिक न्याय के एक कद्दावर नेता के रूप में स्थापित किया था. उनके पास वह प्रभामंडल नहीं है. ऐसे में क्या वह उन राजनीतिज्ञों, टिप्पणीकारों और भविष्यवक्ताओं को अपने वजूद के प्रति आश्वस्त कर सकेंगे, जो उनकी राजनीतिक-मर्सिया लिखने की जल्दबाजी में दिख रहे हैं.
अधिक जानकारी के लिए देखें नीचे दी गई वीडियो :-
बिहार (Bihar) में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के राजनीतिक-भविष्य के अंत की अटकलें और भविष्यवाणियां (Predictions) कई बार की जा चुकी हैं. इस बार भी की जा रही हैं और क्यों न हों? लालू इस वक़्त अपने राजनीतिक जीवन के सबसे बुरे दिनों में हैं. जब राज्य में एक शानदार जनादेश से बनी उनके महागठबंधन (Major alliance) की सरकार रातों रात जा चुकी है और सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अब उनकी धुर-विरोधी भाजपा के साथ नई सरकार बना चुके हैं.
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बता दें कि महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे उनके पुत्र तेजस्वी सत्ता से बेदखल होकर सड़क पर आ गए हैं. संकट का दूसरा और बेहद संगीन पहलू है कि इस बार सिर्फ़ लालू ही नहीं, उनके परिवार के प्रायः सभी प्रमुख सदस्य इस वक़्त किसी न किसी तरह के भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोपों में फंसे दिख रहे हैं. तेजस्वी सहित कई परिजनों पर बेनामी या आय से अधिक संपत्ति बनाने के आरोपों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है.
गौरतलब है कि सीबीआई (CBI) और अन्य एजेंसियों (Agencies) की पड़ताल चल रही है. ऐसे संकट और चुनौतियों में घिरे लालू प्रसाद यादव के पास पहले जैसी राजनीतिक तेजस्विता भी नहीं बची है, जिसने उन्हें नब्बे के दशक में सामाजिक न्याय के एक कद्दावर नेता के रूप में स्थापित किया था. उनके पास वह प्रभामंडल नहीं है. ऐसे में क्या वह उन राजनीतिज्ञों, टिप्पणीकारों और भविष्यवक्ताओं को अपने वजूद के प्रति आश्वस्त कर सकेंगे, जो उनकी राजनीतिक-मर्सिया लिखने की जल्दबाजी में दिख रहे हैं.
अधिक जानकारी के लिए देखें नीचे दी गई वीडियो :-
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