Monday, 7 August 2017

मोदी ने अपने दिमागी चाल से उड़ाई जिहादियो की नींद , धारा 370 हटाने की शुरुआत चुपचाप हो चुकी है !!

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बीजेपी ने जब पीडीपी के साथ जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी तो लोगों के साथ विपक्ष ने इस पर ऊँगली उठाई थी लेकिन जो लोग समझदार थे वो जानते थे मोदी का ये फैसला आगे जाकर क्या गुल खिलाने वाला है और अभी दो दिन पहले मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की तिलमिलाहट सबने देख ही ली है !

जैसे-जैसे राज्यों और राज्यसभा में भाजपा का प्रभाव बढ़ रहा है बैसे ही भाजपा अपने राष्ट्रवादी एजेंडे को आगे बढाती जा रही है.अब जम्मू & कश्मीर से धारा 370 को हटाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसके लिए सबसे पहले इसके अनुच्छेद 35(A) को बदलने की तैयारी हो रही है जो समस्या की मुख्य बजह है.बड़े तरीके से सारी गेम चली हुई है इस समय कश्मीर में एक गैर सरकारी संगठन से किस तरह इस अनुच्छेद 35(A) के खिलाफ याचिका दर्ज करवाई गयी और अब किस तरह मोदी सरकार इस पर जवाब देगी,बहुत कुछ दिखने वाला है आगे.

केंद्र के इस कदम से तिलमिलाई हुई महबूबा ने कहा है कि- यहां की लडाई हमने लडी है हमारे लोग मारे गये हैं, हुरियत ने भी लडी है उनके लोग और हमारे लोग भी मारे गये हैं. अगर हमारे अधिकारों को खतम करने की कोशिश की गई, तो मै ये कहना चाहती हूं कि – तिरंगा झंडा उठाने के लिये 4 कन्धे भी नही मिलेंगे.
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आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि जो हम बता रहे हैं आपको वो मीडिया कभी नहीं बताने वाली मुख्यमंत्री महबूबा का यह बयान यह बताने के लिए पर्याप्त है कि – कार्यवाही किस हद तक चल रही है. महबूबा की स्थिति इस समय सांप छछुंदर वाली हो गई है. भाजपा के साथ गठबंधन करने के कारण उनकी बात को मानना मजबूरी है और अगर नहीं मानते हैं तो उनकी सरकार जायेगी और कुछ भी नहीं कर पाएंगी.बीजेपी और आरएसएस का शुरू से ही राष्ट्रवादी मुद्दा रहा है धारा 370 हटाने का लेकिन बाकि सब पार्टियाँ इस हटाने के खिलाफ हैं क्योंकि उन्हें देश प्रेम नहीं है.

अगर अब महबूबा मुफ़्ती खुलकर इसका विरोध करती है तो सरकार गिरना तय है जबकि सरकार गिरने की स्थिति में जम्मू & कश्मीर में राष्ट्रध्यक्ष शासन लगाकर केंद्र का वहां पर पूरी तरह से नियंत्रण हो जाएगा. उस समय भाजपा को अपना एजेंडा लागू करने से कोई रोक भी नहीं पायेगा. भाजपा केवल इतना चाहती है कि – गठबंधन तोड़ने का इल्जाम उसपर नहीं बल्कि पीडीपी पर आये.

मुझे पूर्ण विशवास है कि – गुजरात, उड़ीसा, हिमाचल, कर्नाटक चुनाव के सकारात्मक चुनाव परिणाम आने के बाद कश्मीर में और तेजी आयेगी. तब तक केंद्र अपनी तैयारी कर रहा है. महबुबा की छटपटाहट से तो यही पता चलता है कि – उनको भी समझ आने लगा है कि -अब क्या होने वाला है !
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