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साध्वी से रेप के मामले में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट से दोषी करार दिए गए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सोमवार को सजा सुनाई गई. सुरक्षा कारणों से रोहतक की सुनारिया जेल में बनाई गई अस्थाई कोर्ट में जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को 10 साल कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट के फैसले के बाद राम रहीम की मेडिकल जांच की गई. 2.30 बजे सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कहा कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है इसलिए राम रहीम को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए. जिसके बाद राम रहीम के वकील ने कोर्ट के बताया कि राम रहीम ने सामाजिक कार्य किए हैं. इसलिए सजा में नरमी बरती जानी चाहिए.
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सजा सुनाए जाने से पहले राम रहीम ने कोर्ट के सामने माफी मांगी. इस दौरान राम रहीम रो पड़े और कोर्ट से रहम की गुहार लगाई. जबकि सीबीआई ने किसी भी तरह की राहत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा दी जाए. आपको बता दें कि रोहतक की सुनारिया जेल में बनाए गए कोर्ट रूम में केवल दोनों पक्षों के वकीलों को ही जाने की इजाजत थी. जज द्वारा फैसला पढ़े जाने के बाद दोनों पक्षों के वकीलों ने बाहर आकर इसकी जानकारी दी. गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम पर साल 2002 में साध्वी ने यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था. इस केस में लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने 25 अगस्त 2017 को राम रहीम को दोषी करार दिया था. इसके बाद राम रहीम के समर्थकों ने हरियाणा के कई जिलों में जमकर उत्पात मचाया था. इस हिंसा में 38 लोग मारे गए थे वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे.
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