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पटना – एनडीए में वापसी के बाद बिहार में सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार अब पटरी पर लौटते दिख रहे हैं। लालू यादव से गठबंधन बनी सरकार से मुक्त होकर अब वो सही और जायज फैसलें ले रहे हैं। इसका उदाहरण हमें हाल ही देखने को मिला। दरअसल, नीतीश सरकार ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बीजेपी से गठन के बाद ताबड़तोड़ फैसले लेते हुए राज्य में गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। Ban imposed cow slaughter in bihar
बिहार सरकार ने गौहत्या पर लगाया प्रतिबंध :
बिहार के नए पशुपालन मंत्री के रुप में पशुपति कुमार पारस ने पद संभालते ही गौहत्या पर तो प्रतिबंध लगाया ही साथ ही साथ उन्होंने नए बूचड़खाने खोलने पर भी रोक लगा दी है। एचटी मीडिया कि खबर के मुताबिक पारस ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, उनके विभाग से अब कोई नया पशु वधशाला खोलने का लाइसेंस जारी नहीं होगा।
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हालांकि, उत्तर प्रदेश के जैसे ही बिहार में भी गौहत्या पर सालों पहले से ही रोक है लेकिन दोनों प्रदेशों में सरकार के ढेली रवैये की वजह से पिछले 15-20 सालों से गाय, भैंस और अन्य जानवरों का वध जारी था। लेकिन अब सरकार बदल गई है। जिसकी वजह से पहले उत्तर प्रदेश और अब बिहार में गौहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
यूपी के बाद बिहार में भी उठी थी प्रतिबंध लगाने की मांग :
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई करने के बाद बिहार में भी गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांगे उठने लगी थी। लेकिन जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार हैं वहां गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने कि पहल शुरू हो चुकी है। गौरतलब है कि बीजेपी ने बिहार में बूचड़खानों पर कार्रवाई के लिए नीतीश सरकार पर दबाव भी डाला था।
आपको बता दें कि देशभर में गौहत्या के खिलाफ आवाज उठने लगी है। उत्तर प्रदेश के बाद गुजरात और गुजरात के बाद बिहार में भी इस तरह कि मांग काफी समय से कि जा रही थी। गुजरात में तो विधानसभा में एक बिल पास कर गौहत्या को लेकर बनी कानून को पहले से ज्यादा कड़ा बनाया गया है। गुजरात में अब गौहत्या करने वाले को उम्रकैद की सजा दी जाएगी।
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