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अभी कुछ दिन पहले ही कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने वाले उपदेश राणा ने एक और सन्देश देते हुए उन आतंकवादियों को सम्हलने की चेतावनी दी है जिन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा दशमी के दिन मूर्ति विसर्जन को लेकर एक ऐसा आदेश पारित करवा दिया है जिसके कारण दशमी के दिन कोई भी 6 बजे के बाद मूर्ति विसर्जित नहीं कर पायेगा।
यह देखकर सभी हिंदुओं की रंगों में आग बहने लगी और सभी पूरी तरह से आग-बबूला हो गए थे। अब उपदेश राणा ने कहा है कि इस बार हिन्दू धर्म के अनुसार ही मूर्ति विसर्जित होगी।अपने फेसबुक वाल पर लिखते हुए उपदेश राणा ने कहा है कि,”बंगाल में विसर्जन अपने धर्म के समयानुसार होगा,किसी का कोई फरमान नहीं चलेगा उस वक्त बंगाल में रहूंगा मौजूद..”
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यह सुनकर उन लोगों को ज़रूर मिर्ची लगी होगी जो सेकुलरिज्म के नाम पर इस देश को तोड़ना चाहते हैं और हिंदुओं को दबाना चाहते हैं।अब हर हिन्दू आने हक़ के लिए धीरे-धीरे खड़ा हो रहा है और यह पता चल रहा है कि आखिर किस प्रकार इस देश में सेकुलरिज्म ने हिंदुओं के लिए एक ऐसा माहौल बना दिया था कि वो अपने ही अधिकार के लिए खड़े नहीं हो पा रहे थेंलेकिन अब हर हिन्दू मुखर होकर बंगाल की मुख्यमंत्री को और पूरे उस तथाकथित सेक्युलर समाज को एक चेतावनी दे रहे हैं कि सेकुलरिज्म के नाम पर मुस्लिम तुष्टिकरण अब नहीं चलेगा। यह देश हिन्दू बहुल देश है अतः इस देश में सभी को जीने और अपने पंथ को और उस पंथ की हर उस परम्परा के पालन करने के लिए आज़ाद है जो उसका पंथ कहता है।
इसमें कोई भी धर्म यदि अड़े आता है,या किसी की मूर्ति-विसर्जन के कारण भावनाएं आहत होती हैं तो ये उसकी समस्या है न कि हिंदुत्व अथवा हिन्दू समाज की समस्या।
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