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आप भी जानते हैं कि 1962 के युद्ध में चीन ने भारत को हराकर तिब्बत पर कब्जा कर लिया था, तिब्बत के साथ ही हमारा कैलाश मानसरोवर भी चला गया और आज हमें भगवान शिव के दर्शन के लिए चीन के सामने हाथ फ़ैलाने पड़ते हैं, चीन की दादागिरी उसके बाद भी बंद नहीं हुई, अब उसकी नजर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश पर है, दोनों राज्यों के बॉर्डर पर चीन अपनी हरकतें बढ़ा रहा है, सड़क का निर्माण कर रहा है,
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सेना तैनात कर रहा है ताकि मौका मिलने के बाद एकाएक धावा बोले और दोनों राज्यों पर कब्ज़ा कर ले, 1962 में कांग्रेस की सरकार थी जबकि वर्तमान में मोदी सरकार है जो चीन के सामने चट्टान बनकर खड़ी हो गयी है, कांग्रेस ने 1962 में चीन से हारकर तिब्बत को चीन के हवाले कर दिया था लेकिन वर्तमान की मोदी सरकार का कहना है कि हम सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश पर चीन का कब्जा नहीं होने देंगे. चीन पिछले दो तीन हप्ते से भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है जबकि मोदी सरकार उसकी धमकी को इग्नोर कर रहे हैं.
मोदी सरकार और बीजेपी तो चीन की धमकी से नहीं डरे लेकिन कांग्रेसी नेता शशि थरूर चीन की धमकी से घबराए हुए हैं, इससे पहले वे मोदी के इजरायल दौरे से भी घबराए हुए थे और फिलिस्तीन से रिश्ते खराब होने की चिंता कर रहे थे.
आज शशि थरूर ने The Quint अखबार में एक लेख लिखकर कहा है कि फिलिस्तीन के बजाय इजरायल को अधिक महत्व देना और ड्रैगन यानी चीन को भड़काना मोदी सरकार को बहुत मंहगा पड़ेगा, उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति को कमजोर बताया है.
शशि थरूर को शायद यह नहीं पता है कि धीरे धीरे भारत चीन का आर्थिक गुलाम बन चुका है और ऐसा कांग्रेस की वजह से हुआ है, कांग्रेस ने भारत में ना ही मेड इन इंडिया को बढ़ावा दिया और ना ही मेक इन इंडिया जैसी योजनायें शुरू कीं, भारत में उत्पादन बंद हो गया और चीन से सामान बनकर आने लगे, धीरे धीरे चीन ने भारत के बाजारों पर कब्ज़ा कर लिया, इस वक्त भारत हर चीज के लिए चीन पर निर्भर है, अगर भारत के लोग चीन के सामान का इस्तेमाल करना बंद कर दें तो भूखों मर जाएंगे क्योंकि खाने की थाली से लेकर गैस चूल्हा और बिजली का बल्ब तक सब कुछ चीन से बनकर आ रहा है.
भारत को अगर चीन की गुलामी से मुक्त होना है तो इजरायल जैसे देशों से दोस्ती करनी पड़ेगी जिसकी टेक्नोलॉजी चीन से भी बढ़िया है, अगर इजरायल भारत में ही उत्पादन शुरू कर देगा तो धीरे धीरे चीन के सामानों पर निर्भरता ख़त्म हो जाएगी और भारत अपना बाजार खड़ा करेगा, अगर ऐसा हुआ तो चीन का बहुत आर्थिक नुकसान होगा क्योंकि इस वक्त चीन भारत के बाजारों पर निर्भर है, अगर एक बार चीन के सामान भारत के बाजारों से बाहर हो गए तो चीन बर्बाद हो जाएगा.
चीन इसीलिए भारत और इजरायल की दोस्ती से डर रहा है, उसे पता है कि अब इजरायल भारत के साथ पार्टनरशिप करके 'Make with India' प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है जिसमें भारत में इन्वेस्ट करके उत्पादन शुरू किया जाएगा, चीन अपनी बर्बादी देख रहा है इसलिए भारत को धमकी दे रहा है. कांग्रेसियों को मोदी की यह रणनीति समझनी चाहिए और चीन से डरना नहीं चाहिए क्योंकि भारत आज चीन को टक्कर देने की पोजीशन में है.
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